Kedarnath dham के नाम की तर्ज पर दिल्ली में मंदिर नहीं बनेगा। धामी सरकार की ओर से बनाए गए सख्त कानून के बाद श्रीKedarnath mandir, दिल्ली ट्रस्ट ने अपने हाथ पीछे खींच लिये।
Delhi के बुराड़ी में Kedarnath mandir बनने के मामले में विवाद के बाद धामी सरकार ने इस संबंध में सख्त कानून बनाया। इसमें स्पष्ट प्रावधान है कि Uttarakhand के चारों धाम और अन्य प्रतिष्ठित मंदिरों के नाम से कहीं और मंदिर बनाने वालों पर कार्रवाई की जाएगी
ट्रस्ट के अध्यक्ष का इस्तीफा
ट्रस्ट के अध्यक्ष सुरेंद्र रौतेला ने पद से इस्तीफा देते हुए कहा कि अब मंदिर का निर्माण नहीं होगा। रौतेला ने रविवार को एक पत्र जारी कर मीडिया को अपने इस्तीफे की जानकारी दी। साथ ही बताया कि ट्रस्ट के अध्यक्ष अब सुमन मित्तल होंगे।
इसकी घोषणा श्रीकेदारनाथ धाम दिल्ली ट्रस्ट ने की है। इस मुद्दे पर प्रदेश के धर्मावलंबियों के साथ कांग्रेस ने विरोध किया था। प्रदेश सरकार ने भी धामों के नाम का दुरुपयोग रोकने के लिए कठोर कानून लाने का कैबिनेट में निर्णय लिया था
10 जुलाई को हुआ था शिलान्यास
Kedarnath dham की तर्ज पर दिल्ली में केदारनाथ मंदिर बनाने के लिए 10 जुलाई को शिलान्यास किया गया था। अगले ही दिन से इस मामले में उत्तराखंड में भारी विरोध देखने को मिला।चारधामों के पंडा-पुरोहितों ने इसका विरोध किया, इस मुद्दे पर कांग्रेस भी मुखर हो गई। कांग्रेस ने केदारनाथ प्रतिष्ठा रक्षायात्रा भी निकाली। जनभावनाओं को देखते हुए राज्य सरकार ने इस मामले में हस्तक्षेप किया और चारधामों के नाम का दुरुपयोग रोकने के लिए कठोर कानून बनाने का निर्णय लिया। मुख्यमंत्री का कहना था कि देश में Kedarnath dham एक ही है और एक ही रहेगा।